यूरोपीय साहित्य चिंतक की यह महत्वपूर्ण पुस्तक है जिसे हम जार्ज लुकाच के नाम से जानते हैं। उसका सैद्धांतिक पहलू जितना महत्वपूर्ण है उससे भी अधिक उसका व्यावहारिक पक्ष महत्व का है। इसी के लिए लुकाच विश्व साहित्य को तीन श्रेणियों में बाँट देता है – आधुनिकतावाद, बुर्जुआ आलोचनात्मक यथार्थवाद और समाजवादी यथार्थवाद। इन श्रेणियों में बाद की दो श्रेणियों को आधुनिकतावाद के शत्रु के रूप में रख साम्राज्यवाद विरोधी, फासीवाद विरोधी रणनीति तैयार करता है। आधुनिकतावाद की विचारधाराएँ साम्राज्यवाद और फासीवाद का प्रतीक हैं। प्रस्तुत पुस्तक में भी लुकाच की यही बुनियादी स्थापना उभर कर सामने आई है।
‘दि हिस्टोरिकल नॉवेल’ इस मायने में बेजोड़ है कि वह अतीत से लेकर वर्तमान समय के उपन्यास साहित्य की गहरी पड़ताल करती है। उपन्यास साहित्य से जुड़ा कोई ऐसा नाम नहीं है जिसके उपन्यासों का सूक्ष्म विश्लेषण इस पुस्तक में न हुआ हो। इस रूप में पुस्तक विश्व उपन्यास का और उसमें भी ऐतिहासिक उपन्यास और नाटक का विश्वकोष जैसी है।
इस रूप में इतिहास सिद्धांत और साहित्य की व्यवहारिक समीक्षा दोनों को एक साथ साधने वाली लूकाच की यह पुस्तक उनकी सर्वश्रेष्ठ पुस्तक ठहरती है।