Review
“कुमार विश्वास के गीत ‘सत्यम शिवम सुन्दरम’ के सांस्कृतिक दर्शन की काव्यगत अनिवार्यता का प्रतिपादन करते हैं. कुमार के गीतों में भावनाओं का जैसा सहज, कुंठाहीन प्रवाह है, कल्पनाओं का जैसा अभीष्ट वैचारिक विस्तार है तथा इस सामंजस्य के सृजन हेतु जैसा अद्भुत शिल्प व शब्दकोष है, वह उनके कवि के भविष्य के विषय में एक सुखद आश्वस्ति प्रदान करता है.” — डॉ. धर्मवीर भारती
“डॉ. कुमार विश्वास उम्र के लिहाज़ से नये लेकिन काव्य-दृष्टि से खूबसूरत कवि हैं. उनके होने से मंच की रौनक बढ़ जाती है. वह सुन्दर आवाज़, निराले अंदाज़ और ऊंची परवाज़ के गीतकार, गज़लकार और मंच पर क़हक़हे उगाते शब्दकार हैं. कविता के साथ उनके कविता सुनाने का ढंग भी श्रोताओं को नयी दुनिया में ले जाता है. गोपालदास नीरज के बाद अगर कोई कवि, मंच की कसौटी पर खरा लगता है, तो वो नाम कुमार विश्वास के अलावा कोई दूसरा नहीं हो सकता है.” — निदा फ़ाज़ली
“डॉ. कुमार विश्वास हमारे समय के ऐसे सामर्थ्यवान गीतकार हैं, जिन्हें भविष्य बड़े गर्व और गौरव से गुनगुनाएगा.” — गोपालदास‘नीरज
About the Author
कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी, 1970 को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद के पिलखुआ में एक मध्यवर्गी परिवार में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा वही हुई। इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोडकर उन्होंने स्नातक और फिर हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर किया, पीएचडी की। उसके बाद उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 1994 में राजस्थान में प्रवक्ता के रूप में 1994 में शुरू की. कुमार विश्वास को श्रृंगार रस का कवि माना जाता है। फ़िलहाल वे मंच के सबसे व्यस्त कवियों में से हैं. विभिन्न पत्रिकाओं में नियमित रूप से छपने के अलावा डॉ॰ कुमार विश्वास की दो पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं- ‘इक पगली लड़की के बिन’ (1996) और ‘कोई दीवाना कहता है’ (2007).