चार दोस्त…. चार ज़िन्दगियाँ…. एक फ़ैसला
कॉलेज में पढ़ रहे चार दोस्त मुम्बई के एक फ्लैट में इकट्ठे रहते हैं। वरुण लापरवाह और कुछ सुस्त स्वभाव का है, लेकिन है बहुत ही प्यारा, अहाना साहसी है और कई बार बिना सोचे-समझे काम करती है, मालविका ‘सेल्फी-क्वीन’ है और गरिमा इन सबमें चुपचाप रहने वाली सबसे गम्भीर और संयमी स्वभाव वाली है।
चारों की आपस में खूब बनती है और समय के साथ उनकी दोस्ती और गहरी होती है। लेकिन जब उनमें से एक बहुत बड़ी मुसीबत में फँस जाता है तो सभी की ज़िन्दगी में बवाल मच जाता है। क्या ये चारों दोस्त एक-दूसरे का साथ निभा पायेंगे या फिर अपना अलग-अलग रास्ता पकड़ लेंगे…
पुस्तक मेरे सपनों में ट्रैन्ड करने वाली एक सच्ची कहानी है जो दोस्ती और प्यार की भावनाओं से आपको मुग्ध कर लेगी।