आवारा मसीहा हिंदी की सबसे प्रसिद्ध जीवनियों में अग्रगण्य है। विष्णु प्रभाकर द्वारा लिखी गई शरतचंद्र की इस जीवनी पर कथा और कथेतर साहित्य के विद्वान विशेषज्ञों ने अपने आलेखों में इसके विभिन्न आयामों की मीमांसा की है। विद्यार्थियों, शोधार्थियों और कथेतर विधाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए आवश्यक यह पुस्तक बड़े अभाव की पूर्ति करेगी।
इस पुस्तक के सम्पादक डॉ. पल्लव दिल्ली के प्रसिद्ध हिन्दू कालेज में हिंदी के सहायक आचार्य हैं। कथा साहित्य पर पीएचडी कर चुके डॉ. पल्लव सम्पादन और कथेतर साहित्य के विशेषज्ञ भी माने जाते हैं।