कोई यह समझने की भूल न करे कि इस पुस्तक में लिखी बातें निरी कहानियां हैं और उनका संग्रह कर दिया गया है। किसानों के द्वारा चलाई जाने वाली अपने हकों की जिन लड़ाइयों का अनुभव किया गया है और बहुत नजदीक से देखा है कि किसान उन्हें किस प्रकार चलाते रहे हैं, उन्हीं का संग्रह यहां किया गया है। जिन लड़ाइयों का आगे वर्णन है, उनमें किसानों की विजय हुई है, यह खूबी है – चाहे पीछे प्रकारांतर से उन्हें भले ही परेशान या तबाह किया गया हो।
किसानों का यह युद्ध क्षेत्र धीरे-धीरे बढ़ रहा है और आए दिन बकशत जमीन या इसी प्रकार की दूसरी बातें लेकर किसानों को जमींदारों तथा औरों के साथ संघर्ष करने के मौके ज्यादा आ रहे हैं और आने वाले हैं इसलिए आशा है आगे लिखी घटनाएं अवश्य उनका पथ प्रदर्शन करेंगी। इन्हें पढ़कर हम त्रुटियों को भी जान सकते हैं, और भविष्य में उससे बच सकते हैं।